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कोरबा में कुकरमुत्ते की तरह जगह-जगह कोचिंग सेंटर-सिन्हा

कोरबा। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि जिले में कुकरमुत्ते की तरह जगह-जगह कोचिंग सेंटर चल रही है। जिसमें शासन के नियमों का उल्लंघन तो हो ही रहा है साथ ही साथ पैसे खर्च करने के बाद भी छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित शिक्षक न होने के चलते केवल डिग्रियां बांटी जा रही है। शैक्षणिक ज्ञान से
छात्र-छात्राएं वंचित हो रही है क्योंकि हर जगह जहां भी कोचिंग सेंटर है , उसे जगह के आगे पीछे दुर्घटना होने पर बचाव के लिए कुछ भी साधन नहीं है किसी भी समय दुर्घटना होने पर छात्र-छात्राओं या रिहायशी स्थान में अगल-बगल आगजनी या दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। कोरबा में शैक्षणिक कोचिंग में DCA,PGDCA,BCA,MCA,MSCIT,MBA,PGDBM तथा PSC आदि कोचिंग सेंटरों का भरमार है ।
जहां बड़े शहरों की तर्ज पर छात्रों से मोटी रकम ली जाती है लेकिन कोचिंग सेंटर में कम वेतन पर कार्यरत शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को अध्ययन कराया जा रहा है। इससे पता चल सकता है कि छात्रों का भविष्य क्या होगा? केवल डिग्रियां ले लेने से किसी भी रोजगार में प्रतिस्पर्धा को पार नहीं कर सकते हैं।कोचिंग में इस प्रकार की तैयारी करना शोचनीय है जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पर सकता हैं।यह अभी सामान्य लग रहा । ज्वालामुखी की आग धीरे धीरे कई वर्षो तक सुलगती है।जब ज्वालामुखी की आग फटेगी तब इसे नियंत्रित कर पाना बहुत कठिन होगा। छात्र अपना भविष्य को बनाने के लिए पैसे और समय लगा कर कोर्स करते है जब नौकरी में एप्लाई करते है तब पता चलता है कि प्रमाण पत्र फर्जी है इसमें किनका कसूर है।सूत्रों के मुताबिक प्रेक्टिकल प्रशिक्षण वाले कोर्स में भी प्रशिक्षण न अटेंड कर सिर्फ एग्जाम में बैठा जाता है। जैसे बी सी ए, बी एड, बीएससी आदि। दूसरी स्थिति में छात्रों को दिलासा दिया जाता है कि आप केवल प्रोफाइल बना कर डिग्री ले सकते है।
सिन्हा ने आगे बताया कि कुछ स्थिति में छात्र एवम संस्था दोनो जिम्मेदार है जिससे शासन में कार्यरत ऐसा छात्र कार्य करने में असमर्थ रहता है। अगर इसे सुधार लिया जाय तो शासन की जड़े खोखली न होगी।उचित कार्यवाही करना अति आवश्यक है।

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