17 सूत्रीय मांगों को लेकर गेवरा दीपका कोल माइंस में एक दिवसीय हड़ताल
गेवरा दीपका
कोयला उद्योग में 17 सूत्रीय मांगों को लेकर बीएमसी को छोड़ बाकी सभी संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल किया ।
संयुक्त रूप से चार श्रमिक संगठन ने एकजुट होकर कोयला उद्योग में हड़ताल कर दिया, हड़ताल को सफल बनाने को लेकर एसईसीएल की मेगा माइंस गेवरा और दीपका में श्रमिक संगठन के पदाधिकारी एंट्री पॉइंट पर खड़े होकर श्रमिकों को खदानों की ओर जाने से रोका। श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा के सरकार सत्ता में आते ही कोयला उद्योग को कमजोर कर पूंजी पतियों को सौंपने का सरकार कर रही हैं।
मोदी सरकार निजीकरण की ओर कदम उठा रही
संयुक्त रूप से चारों श्रमिक संगठन के पदाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार कोल इंडिया में माइनस डेवलपर ऑपरेटर और रेवेन्यू शेयरिंग के माध्यम से कोयला उद्योग को निजीकरण करने की साजिश रच रही है कोयला मजदूरों के हक और अधिकार छीनकर मजदूरों का अस्तित्व ही मिटाने पर लगी हुई है श्रम कानून में संशोधन कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। मजदूरों को मेडिकल 9.40 9.50 के आधार पर लाचार बीमार मजदूरों को मेडिकल अनफिट कर रोजगार नही दे रही है । 17 सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल की जा रही है मांग अगर पूरा नहीं होगा तो आगे भी हड़ताल की रणनीति बनाई जाएगी प्रबंधन को मजदूरों के सामने झुकना पड़ेगा।
गेवरा क्षेत्र से प्रमुख रूप से एच एमएस संगठन से रेशम लाल यादव, एस मानिकपुरी,शेखचांद मंसूरी, एटक यूनियन से दीपक उपाध्याय एल पी अघरिया, इंटर यूनियन से डीके मिश्रा, गोपाल यादव ,और सीटू ट्रेड यूनियन से जनाराम कर्स और अजय प्रताप सिंह समेत बड़ी संख्या में श्रमिक गण उपस्थित थे।
बीएमसी ने कहा सामान्य दिनों की तरह चल रहा है
वही बीएमसी श्रमिक संगठन के पदाधिकारी ने मजदूरों को कम पर जाने के लिए प्रेरित किया। श्रमिक नेता संजय शर्मा ने खदान के एंट्री पॉइंट में पहुंचकर मजदूरों को काम करने के लिए भेजा और कहा की देश को ऊर्जा की आवश्यकता है देश हित के लिए मजदूरों को काम करने से नहीं रोकना चाहिए वही दीपका एरिया में भारतीय मजदूर संघ बीएमएस के संयुक्त सलाहकार समिति के सदस्य रमेश गुरुद्वान ने कहा कि दीपका खदान में सामान्य दिनों की तरह काम चल रहा है हड़ताल का असर नजर नहीं आ रहा है।